आदिवासी परिवार की लक्ष्मी के स्वास्थ्य में सुधार से खुश है परिवार
श्योपुर
राज्य सरकार द्वारा आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र के गावों में कुपोषण निदान की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत परिवार की मुखिया को एक हजार रूपए की सहायता प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए जिले के विकासखण्ड विजयपुर के क्षेत्र के आदिवासी बाहूल्य ग्राम अगरा की लक्ष्मी पुत्री कौशिल्या आदिवासी के स्वास्थ्य में सुधार होने से पूरा परिवार खुशी जाहिर कर रहा है।
कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कुपोषण निदान की दिशा में आगन कार्यक्रम के अतंर्गत आगनबाडी केन्द्रो का भ्रमण करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों को सौपी है। इस जिम्मेदारी के अंतर्गत अधिकारी गांव-गांव भ्रमण कर कमजोर बच्चो की ग्रेड सुधारने की दिशा में निरंतर पहल कर रहे है। जिसके अंतर्गत जिले के विजयपुर विकासखण्ड क्षेत्र के वनांचल स्थित कस्बा ग्राम अगरा का भ्रमण भी अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किया जा रहा है।
अगरा की निवासी श्रीमती कौशल्या आदिवासी उनकी प्रेरणा से कौशल्या आदिवासी की बच्ची लक्ष्मी 2 वर्ष की गे्रड सुधारने में सुविधा प्राप्त हुई है। साथ ही एनआरसी केन्द्र विजयपुर में भी भर्ती कराया जाकर कुपोषण से बाहर लाने की पहल अधिकारी/कर्मचारियोें के माध्यम से की गई है। अब मेरी पुत्री लक्ष्मी कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकलकर स्वस्थ्य हो गई है।
आदिवासी समुदाय अगरा की महिला कौशिल्या का कहना है कि सहराने मंे अन्य बच्चे भी कमजोर हो रहे हैं। मेरे द्वारा श्रीमती पत्नी बारेलाल आदिवासी के तीन पुत्रों को एनआरसी में उपचार कराने की सलाह दी गई है। जहां पर उनकी ग्रेड सुधारने में इजाफा होकर बच्चे पोषण की श्रेणी में आ गये है।
आदिवासी परिवार की लक्ष्मी के स्वास्थ्य में सुधार से खुश है परिवार