राज्य सरकार के माध्यम से आम लोगों का जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम बुखारी में रहने वाली आदिवासी परिवार की महिला श्रीमती मोना बाई अपने गांव की महिलाओं को समूह चलाने के गुण सीखाने में सफलता हांसिल कर रही है।
जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम बुखारी की रहने वाली श्रीमती मोना बाई आर्थिक तंगी से निजात पाने की दिशा में व्यवसाय की तलाश में इधर उधर भटक रही थी। एक दिन आजीविका मिशन के कर्मचारी ग्राम बुखारी में आए उनसे समूह बनाने की प्रेरणा ली और समूह के माध्यम से ग्राम की महिलाओं को आय प्राप्त करने की विधि समझी। साथ ही दुकान, सीआरपी ड्राइव और खेतो को फायदे का धंधा बनाने की दिशा में जानकारी गांव की महिलाओं को देने लगी।
श्रीमती मोना बाई ने 11 सदस्यों का समूह बनाया। जिसका नाम मोना आदिवासी स्वसहायता समूह रखा गया। उनके द्वारा समूह बनाने के बाद 34 हजार रूपये की बचत प्रारंभ की। इस समूह के माध्यम से किरान दुकान, उन्नत कृषि एवं सीआरपी कार्य की दिशा में आगे बड़ी। उनके द्वारा आजीविका मिशन की प्रेरणा से स्वयं की पहचान बनाने में सक्षम बनने लगी। श्रीमती मोना आदिवासी ने समूह गठन के दौरान प्रारंभ में 3000/- रू. बच्चे के इलाज हेतु। 3500/- रू. उन्नत बीज खरीदने के लिए, 4000/- खेती में पानी व खाद की व्यवस्था के लिए, 4000/- पुनः वर्तमान फसल के लिए खाद व उन्नत बीज हेतु, 35000/- किराना दुकान प्रारंभ करने के लिए एवं 50000/- किराना दुकान के विस्तार हेतु अर्थात् किराना दुकान में फ्रीज कोल्ड ड्रिंक्स आदि की व्यवस्था के लिए राशि प्राप्त की।
आदिवासी परिवार की महिला श्रीमती मोना बाई अपने गांव की महिलाओं को समूह चलाने के गुण सीखाने में सफलता हांसिल कर रही है।