जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में व्यवधान न हो इसके लिए मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 में प्रावधानों के तहत रात 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रात: 6 बजे से रात 10 बजे तक भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त करने के बाद ही किया जा सकेगा। अनुमति मिलने पर भी केवल दो साउण्ड बाक्स का ही इस्तेमाल करना होगा तथा आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर दिन में 55 डेसीबल और रात में 45 डेसीबल से अधिक नहीं होगा। आदेश में परीक्षाओं के दौरान डीजे के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है।
प्रतिबंधात्मक आदेश में जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर श्री यादव ने साफ शब्दों में कहा है कि इसका उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के साथ-साथ मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम के प्रावधानों के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश संपूर्ण जिले में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी परीक्षाओं के मद्देनजर कलेक्टर ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश