भारत देश में विधि के शासन की अवधारणा को स्वीकार किया गया है तथा भारत देश में विधि के शासन की अवधारणा को स्वीकार किया गया है तथा कानून को सर्वोपरि स्थान दिया गया है। ऐसी स्थिति में भारत के प्रत्येक व्यक्ति को कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है। उक्त विचार जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेश कुमार कोष्टा के आदेश पर आंगनवाड़ी केन्द्र बूढेबालाजी झुग्गी झोपड़ी क्रमांक 02 एवं आंगनवाड़ी केन्द्र पुरापोसर में आयोजित किये गये विधिक साक्षरता शिविर को विशिष्ठ अतिथि के रूप में संबोधित करते हुये अपर जिला न्यायाधीश श्री आर.पी.जैन द्वारा व्यक्त किये गये। इस अवसर पर श्री जैन द्वारा नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विधिक सेवाएं) योजना, 2015, लोक अदालत के माध्यम से मामलों का निराकरण कराये जाने से होने वाले लाभ, मध्यस्थता प्रक्रिया, निःशुल्क विधिक सहायता एवं मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में अपर जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना श्री ए.के.मिश्र द्वारा नालसा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं एवं उनका संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना, 2015 के बारे में जानकारी प्रदान की तथा अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित विधियों के बारे में बताया। गया है। ऐसी स्थिति में भारत के प्रत्येक व्यक्ति को कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है। उक्त विचार जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेश कुमार कोष्टा के आदेश पर आंगनवाड़ी केन्द्र बूढेबालाजी झुग्गी झोपड़ी क्रमांक 02 एवं आंगनवाड़ी केन्द्र पुरापोसर में आयोजित किये गये विधिक साक्षरता शिविर को विशिष्ठ अतिथि के रूप में संबोधित करते हुये अपर जिला न्यायाधीश श्री आर.पी.जैन द्वारा व्यक्त किये गये। इस अवसर पर श्री जैन द्वारा नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विधिक सेवाएं) योजना, 2015, लोक अदालत के माध्यम से मामलों का निराकरण कराये जाने से होने वाले लाभ, मध्यस्थता प्रक्रिया, निःशुल्क विधिक सहायता एवं मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में अपर जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना श्री ए.के.मिश्र द्वारा नालसा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं एवं उनका संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना, 2015 के बारे में जानकारी प्रदान की तथा अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित विधियों के बारे में बताया।
कानून को सर्वोपरि स्थान दिया