मातृ-पितृ पूजन दिवस पर माता-पिता समान बुजुर्गों का सम्मान
बड़ों का सम्मान अहसान नहीं, खुशी का अहसास:प्रशांत


 


ग्वालियर। मातृ-पितृ पूजन दिवस पर माता-पिता समान बुजुर्गों का सम्मान करना न तो कोई बड़ा काम है, न ही उन पर अहसान, बल्कि अपनों से बड़ों का सम्मान करने से खुशी का अहसास होता है। मेला प्राधिकरण हर वर्ष ऐसा आयोजन करने का प्रयास करेगा। यह विचार मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल ने शुक्रवार शाम प्राधिकरण द्वारा कला मंदिर रंगमंच पर आयोजित मातृ-पितृ सम्मान समारोह में व्यक्त किए। उल्लेखनीय है कि श्रीमन्त माधवराव सिंधिया व्यापार मेला प्राधिकरण ने पहली बार यह सम्मान समारोह आयोजित  कर अनूठी पहल की है।
  आरंभ में अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, सचिव मजहर हाशमी, संचालकगण शील खत्री, नवीन परांडे, मेहबूब भाई चेनवाले व सुधीर मंडेलिया ने मां सरस्वती की वंदना कर दीप प्रज्वलित किया। कार्यक्रम के संचालक उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने सभी सम्मानित दंपत्तियों का परिचय दिया। मेला संचालक मंडल के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बुजुर्ग दंपत्तियों को शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट किए। श्रीमती प्रतिभा प्रवीण अग्रवाल ने सभी को तिलक कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान सम्मानित दंपत्तियों के परिजन व गणमान्य नागरिक और  विद्युत कंपनी के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एसके पचनंदा भी उपस्थित थे।
माता-पिता सबसे बड़ी संपदा
  इस अवसर पर उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि दुनिया में माता-पिता से बड़ी कोई संपदा नहीं होती। उन्होंने कहा---
पिता से ही सुख संपदा, मां से हैं संस्कार,
जिस घर में इन्हें जगह नहीं, वह घर है बेकार।