भोपाल।मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस अधिकारी देवराज वृद्धि का कार्यकाल 13 जनवरी को खत्म हो गया है. अध्यक्ष का पद खाली होने के बाद आयोग में मेंबर शशि भूषण पाठक और दूसरे मेंबर मुकुल धारीवाल कामकाज संभाल रहे हैं लेकिन इसी बीच राज्य शासन ने आदेश जारी कर सदस्य मुकुल धारीवाल को आयोग के अस्थाई अध्यक्ष का कार्यभार सौंप दिया। इसको लेकर आयोग के दूसरे सदस्य लॉ शशि भूषण पाठक ने विभाग को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जताई है. विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को लिखे पत्र में उन्होंने इसे अधिनियम का उल्लंघन बताया है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य शासन और ऊर्जा विभाग को विद्युत नियामक आयोग में किसी सदस्य को स्थाई रूप से आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने का अधिकार नहीं है. विद्युत अधिनियम 2003 के उपबंधों में इस तरह के अधिकार राज्य शासन को नहीं दिए गए हैं.
उन्होंने अधिनियम का हवाला देते हुए पत्र में लिखा है कि चेयरपर्सन के नहीं रहने पर आयोग के मौजूदा सदस्य आपसी सामंजस्य से तय करेंगे कि कौन अस्थाई अध्यक्ष होगा. लेकिन जिस तरह से राज्य शासन ने यह कदम उठाया है. वह आयोग के कार्य में अनाधिकृत और अनावश्यक हस्तक्षेप है. शशि भूषण पाठक ने लिखा है कि राज्य शासन द्वारा इस तरह के कदम उठाए जाते हैं तो यह आयोग की न्यायिक स्वायत्तता खत्म करने जैसा होगा.
मुकुल धारीवाल को आयोग के अस्थाई अध्यक्ष
मुकुल धारीवाल को आयोग के अस्थाई अध्यक्ष