रक्षा क्षेत्र में होने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर में धन की कमी है । एमईएस में काम करने वाले कांट्रेक्टर्स दो साल से फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है ।हमने रक्षा मंत्रालय के सामने उठाया लेकिन आशाजनक रिस्पॉन्स नही मिला ।
लगभग 2 हजार करोड़ का भुगतान अटका हुआ है । हालात ये है कि राफेल आने को तैयार है लेकिन उनके लिए हैंगर बनाने को पैसा नही है नतीजतन करोड़ो के रफेल खुले में पड़े रहेंगे ।
यह बात एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पदाधिकारियों ने दी । उन्होंने कहाकि राफेल के हैंगर बन रहे है।होवेत्ज़ गन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है । हम समय पर काम पूरा करने के लिए संकल्पित है परंतु धन की कमी आड़े आ रही है ।
उन्होंने कहाकि अधिकारी ठेकेदारों के काम को और ज्यादा मुश्किल बनाते है । एमईएस बिल्डर्स के लिए रक्षा मंत्रालय एक नोडल ऑफिसर बनाये । इस मांग को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे । इससे समय की भी बचत होगी और सरकार का धन भी बचेगा । डीजीएसेंडी को बन्द किया गया । इसे ऑनलाइन करके जेम पोर्टल बनाया लेकिन लोगो ने रास्ते निकाल लिया और इसके जरिये फंड्स बदले जाने लगे । इसके लिए एक जांच रिपोर्ट एसोसिएशन ने सरकार को दिया ।
उनका कहना था कि एमईएस में पंजीकरण प्रक्रिया से नौकरशाही का दबाव हटाना चाहिए । हर पांच साल में नवीनीकरण से भ्रष्टाचार और उत्पीड़न की आशंका रहती है ।